जागरण संवाददाता, मंडी : जमीन में हलचल हुई तो प्रशासनिक अधिकारियों के मोबाइल फोन पर मैसेज यानी एसएमएस आ जाएगा। मंडी जिले में भूकंप प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली यानी लैंडस्लाइड अर्लियर वार्निग सिस्टम अब और पुख्ता होगा। मंडी जिले में 20 स्थानों पर इसे लगाया जाएगा। इनमें छह जगहों का चयन कर लिया गया है। बुधवार को जिला प्रशासन व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर व आइआइटी के निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, सांसद रामस्वरूप शर्मा भी मौजूद रहे। यह देश में अपनी तरह का पहला सिस्टम मंडी जिले में लगाया जा रहा है।

मंडी जिले में कई स्थानों पर लगातार भूस्खलन के कारण हादसे हो रहे हैं। गत दिनों भी औट के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण एक कार सवार की मौत हो गई थी। हालांकि कई जगहों पर लैंडस्लाइड वार्निंग सिस्टम लगाए गए हैं, लेकिन इसकी जानकारी मौके पर मौजूद लोगों को ही होती थी। अब लगभग 49 लाख के इस प्रोजेक्ट में लगने वाले उपकरण में जिला प्रशासन व स्थानीय अधिकारियों के मोबाइन फोन नंबर फीड किए जाएंगे। जैसे ही कोई आपात स्थिति होगी उन नंबरों पर संदेश चलेगा जाएगा और तुरंत संबंधित क्षेत्र में चल रही गतिविधियों को रोक दिया जाएगा।

यह सिस्टम बिना बिजली के 15 दिन तक काम कर सकेगा, जो बरसात में काफी मददगार होगा। इसके लिए इसकी बिजली खपत क्षमता में बदलाव किया गया है और केवल छोटी बैटरी ही इस्तेमाल होगी। पहले आसपास में हुए बदलाव का डाटा एकत्र करने के लिए भी बार-बार सिस्टम के पास नहीं जाना पड़ेगा यह अपने आप पूरी जानकारी भेजेगा।

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यह स्थान चयनित

कोटरोपी, गुम्मा, गरुडनाला, लुदाड़ा, बिजनी और कटिडी कमांद रोड के पास। प्रशासन से अनुमति मिलते ही यहां उपकरण स्थापित किए जाएंगे।

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